सीतामढ़ी, मई 4 -- सीतामढ़ी। जगतगुरू तुलसीपीठाधीस्वर श्री रामभद्राचार्य ने माता सीता की प्राकट्य भूमि पुनौराधाम के सीता प्रेक्षागृह में श्री राम कथा के छठे दिन सीता स्वयंवर व धनुष भंजन यज्ञ कथा सुनाई। यंवर कथा श्रवण कराते हुए महाराज जी ने कहा कि माता सीता सदैव भगवान राम के वाम अंग में विराजती है।सीता महाशक्ति व आदि शक्ति है। समस्त जगत के मूल आधार माता सीता है।सबको अधीन करने की शक्ति माता सीता के पास है। सीता ने राजा जनक,मिथिला की प्रजा,और राम के मन को जीत चुकी थी।माता सीता ने छठे शक्ति का उपयोग कर सभी राजा की शक्ति खत्म कर दी।शिव धनुष को अहंकार रहित राजा तोड़ सकते थे।इसलिए राजा राम ने शिव धनुष तोड़ा है।शंकर के धनुष के पास आते ही अहंकारी दस हजार राजाओं के बल नष्ट हो जाते थे। सभी जीव की शक्ति माता सीता की शक्ति है।भगवान राम ने अपने तीन गुरु ...