नई दिल्ली, नवम्बर 12 -- चीन के शियांगसु प्रांत में काम करने वाले एक कर्मचारी को उस समय शॉक लगा जब उसकी कंपनी ने उसके एक ही दिन में 16,000 से अधिक कदम चलने का फिटनेस-ऐप रिकॉर्ड दिखा दिया, जबकि वह 'पैर में दर्द' का हवाला देकर बीमारी के कारण छुट्टी पर था। कंपनी ने इसे धोखाधड़ी माना और कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया। लेकिन कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सिर्फ फिटनेस ऐप का डेटा प्रमाण नहीं हो सकता कि कर्मचारी ने बीमारी का झांसा दिया हो और उसे लगभग 118,779 युआन (लगभग Rs.15 लाख) का मुआवजा मिला। आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन, फिटनेस बैंड और ऐप्स हमारी हर गतिविधि रिकॉर्ड करते हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या कंपनियों का ऐसा डेटा इस्तेमाल करना न्यायसंगत है? क्या-क्या सवाल उठे? - क्या कर्मचारियों का फिटनेस डेटा कंपनियों द्वारा देखा-जाना उचित है? ...