प्रयागराज, सितम्बर 11 -- प्रयागराज। छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक कवयित्री महादेवी वर्मा के साहित्य पर बहुत कुछ लिखा गया है लेकिन वह साहित्य और चित्रकला की सेतु भी थीं। प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्य के कार्यकाल के दौरान महादेवी ने ना केवल वर्ष 1935 में चित्रकला विभाग की स्थापना की थी बल्कि उसी वर्ष विद्यापीठ में एक चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन हुआ था। साहित्यकार रविनंदन सिंह बताते हैं कि इस प्रदर्शनी में अन्य चित्रकारों के साथ महादेवी के दो चित्र 'वर्षा व 'संध्या प्रदर्शनी में शामिल किए गए थे। इनके चित्र बंगाल चित्रकला से प्रभावित थे। महादेवी के विद्यापीठ में ड्राइंग मास्टर चित्रकार शंभूनाथ मिश्र के आलेख के अनुसार उस दौर में बंगाल के चित्रकार क्षितींद्र नाथ मजूमदार, सुधीर रंजन खस्तगीर, अमृता शेरगिल, शैलेंद्र नाथ डे ...