कुल्लू, जुलाई 18 -- हिमाचल प्रदेश की मणिकर्ण घाटी में बसा पिणी गांव अपनी एक अनूठी और सदियों पुरानी परंपरा के लिए जाना जाता है, जो सावन के महीने में हर साल चर्चा का विषय बनती है। इस परंपरा के तहत, गांव की शादीशुदा महिलाएं पांच दिनों तक कपड़े नहीं पहनतीं और अपने शरीर को केवल ऊन से बने एक पतले पट्टू से ढकती हैं। यह प्रथा न केवल महिलाओं बल्कि पुरुषों के लिए भी सख्त नियमों के साथ आती है, जो इसे और भी रहस्यमय बनाता है। आइए इस परंपरा के बारे में बताते हैं।राक्षस और देवता की कहानी पिणी गांव के लोग मानते हैं कि यह परंपरा सदियों पहले तब शुरू हुई, जब गांव में राक्षसों का आतंक था। किंवदंती है कि राक्षस सुंदर कपड़े पहनने वाली शादीशुदा महिलाओं को उठाकर ले जाते थे। तब लाहुआ घोंड नामक एक देवता ने गांव में प्रवेश किया और राक्षसों का वध कर गांव वालों को बच...