सीवान, अगस्त 1 -- रघुनाथपुर, एक संवाददाता। सावन मास के शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि को जिले के हर घर में कुल देवी व देवताओं की पूजा हुई। गांव में घूम-घूमकर गाय के खांटी दूध की व्यवस्था पशुपालकों के पास से की गई थी। इसी दूध में बिना चीनी वाला खीर बनाया गया। खीर भी मिट्टी के बर्तन (हांडी) में बना। चूल्हा नए ईंट का बनाया गया था। इसमें आम की लकड़ी का जलावन के रूप में प्रयोग हुआ। तवा पर गाय के घी की मदद से गेहूं के आटे से रोट (प्रसाद) तैयार किया गया। इसके अलावा बाजार से नया गमछा, नई साड़ी, लाल डारा (कमर में पहनने वाला), घी, फूल, अक्षत, मिट्टी का दीया, रुई की बाती, मीठा, लड्डू, सिंदूर और टिकुली आदि पूजन सामग्री में प्रयोग हुआ। घर का कोई दंपती पूजा में और प्रसाद बनाने में भाग लिया। दंपती में पति प्रसाद एवं खीर बनाए और पत्नी इसमें उनका सहयोग की। कई परिवा...