देवघर, मार्च 27 -- सारवां,प्रतिनिधि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारवां में चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर ब्रजकिशोर सिन्हा के देखरेख में ई पीएमएसएमए के दौरान सूचीबद्ध गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था के दौरान होने वाले मधुमेह को लेकर ओजीटीटी जांच जिला स्तरीय जांच दल द्वारा किया गया। इस संबंध में जानकारी देते टीम के सदस्य सोनिया गुप्ता और राकेश कुमार व प्रियरंजन द्वारा बताया गया कि इसमें 75 ग्राम ओजीटीटी पॉकेट को 300 एमएल पानी में घोल बनाकर दिया जाता है। जिससे गर्भवती महिलाओं के अंदर जसटेशनल डाइविटिज मेलाइटस का पता किया जा सके। इसे पिलाने के दो घंटे के बाद ओजीटीटी टेस्ट किया जाता है। बताया कि यह एक जोखिम गर्भावस्था का कारण होता है। गर्भावस्था के कारण होने वाले मधुमेह का पता लगाने के लिए किया जाता है। टेस्ट परिणाम पॉजिटिव आने पर उन्हें चिकित्सक द्वारा...