चाईबासा, मई 30 -- चाईबासा, संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सात सौ पहाड़ियों से घिरे और लगभग 57 हजार 519 हेक्टेयर में फैले एशिया प्रसिद्ध सारंडा वन क्षेत्र को जंगली जानवरों के अभ्यारण के रुप में विकसित किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर दो महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है और अगली सुनवाई की तिथि 23 जुलाई 2025 तय की है। इसे अभ्यारण्य बनाने के लिए सारंडा में जो 10 वन ग्राम बसे हुए हैं, उन वन ग्रामों से सुरक्षित अभ्यारण बनाने के क्रम में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, लेकिन जो अवैध रूप से बसे हुए गांव हैं, उन गांवों को इस सुरक्षित अभ्यारण की सीमा से बाहर किया जाएगा। विभागीय जानकारी के अनुसार अभ्यारण की सीमा को इन वन ग्रामों से पहले बनाया जाएगा ताकि इन राजस्व ग्रामों को कोई दिक्कत न हो। जानकारी के अनुसार वन ग्रामों के जो...
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