गंगापार, अप्रैल 26 -- लोगों की शिकायतों और आवश्यकता के बावजूद गांवों में बने सामुदायिक समुदायिक शौचालयों का ताला खुलने को तैयार नहीं है। पहले की तरह आज भी शौचालयों में लटक रहे तले उसी अवस्था में लटक ही रहे हैं। गांवों को स्वच्छ साफ और सुथरा बनाने की मंशा लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर गांवों में बनाए गए सामुदायिक शौचालय स्थानीय प्रशासन से लेकर तहसील प्रशासन के अधिकारियों के लापरवाही के चलते बेकार साबित हो रहे हैं। और शासन के गांवों को स्वच्छ रखने के सपने पर पानी फिरता दिख रहा है। गांवों में बने शौचालयों में न तो सीट बैठाई गई है और न ही पानी की व्यवस्था ही गई है। शौचालयों में पूरे समय ताला लटकता रहता है। परिणाम स्वरुप गांव के लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर है। इसका जीता जागता उदाहरण विकासखंड मेजा के ग्राम पंचायत कौहट में बनाया...