रांची, अप्रैल 23 -- रांची, संवाददता। यज्ञा बाबा आश्रम, मोरहाबादी के दुर्गा मंदिर प्रांगण में सात दिवसीय यज्ञा बाबा मूर्ति अनावरण, देव प्रतिष्ठा व श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। भागवत कथा वाचक स्वामी वेंकटेश प्रपन्नाचार्य महाराज ने भगवान कृष्ण के जन्म प्रसंग का वर्णन भक्तों के बीच किया। उन्होंने कहा कि भगवान हर गर्भ में, हर जगह व कण-कण में होते हैं। भगवान को प्रकट करने के लिए उनसे प्रेम करने की आवश्यकता होती है। देवकी व वासुदेव भगवान के अनन्य भक्त थे। घोर तपस्या करके भगवान से वरदान मांगा था। भगवान उनके यहां पुत्र बनकर आए। भगवान ने कृष्ण अवतार में अनेक लीलाएं की। कहा, भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्ति के साथ भाव जरूरी है। उनके चरणों में प्रेम बढ़ाने के लिए कलयुग में सबसे सरल यही एकमात्र उपाय है...
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