भागलपुर, मार्च 23 -- सहरसा। गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को आयोजित व्यक्तित्व परिष्कार सत्र को संबोधित करते हुए डाक्टर अरुण कुमार जायसवाल ने कहा पता नहीं आदमी आज किस जल्दबाज़ी में है। चारो तरफ भागदौड़ मची है। वो चाहता हो कि सारे काम फटाफट हो जाए। अगर जिंदगी की घड़ी जल्दी बाजी में चल पड़ी तो मौत भी जल्दबाजी में आ जायेगी। कोई कितना भी जतन कर ले, काल की घड़ी बदलती नहीं है। सभी व्यक्ति अपनी अपनी नियति लेकर पैदा होते हैं, उसी अनुसार घटनाएं जीवन में घटती रहती है। जो हम करने आए हैं, उसको जान लें, भली भांति समझ लें, और वही करें। यानी अपने स्वधर्म को पहचानें। गीता में भी भगवान ने कहा है अपने स्वधर्म का पालन करो, परधर्म यानी दूसरे का धर्म भयावह है। यानी अपने कर्तव्य को करें, अपनी मर्यादा में रहें। गायत्री शक्तिपीठ में 30 मार्च को प्रात: 7 बजे से बासंती ...
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