गोंडा, अप्रैल 30 -- गोण्डा, विधि संवाददाता। वीरता का परम आभूषण सहनशीलता है। जिसके अंदर सहनशीलता नहीं वह वीर हो ही नहीं सकता। भगवान परशुराम इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं, जो सर्वशक्तिमान होते हुए भी विनम्रता व सहनशीलता की प्रतिमूर्ति थे। यह बातें मंगलवार को आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कही। वह वकीलों द्वारा सभागार में आयोजित भगवान परशुराम जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की शुरूआत भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। विशिष्ट अतिथि अपर आयुक्त कमलेश चंद्र बाजपेई व एडीएम आलोक कुमार ने भगवान परशुराम को न्याय प्रिय बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बार एसोसिएशन अध्यक्ष राम बुझारथ दूबे व संचालन महामंत्री संजय कुमार सिंह ने किया। बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री विनय कुमार मिश्रा ने जोशीले भाषण व परशुराम-लक्ष्मण संवाद प्रस्तुत कर स...