गंगापार, मई 5 -- नैनो उर्वरक पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है जो हमारे जल, जमीन के साथ हवा को सुरक्षित करता है। इनके प्रयोग से सस्ती एवं टिकाऊ खेती का मार्ग प्रशस्त होता है। इफको किसानों के उत्पादन के साथ उनके स्वास्थ्य के लिए भी प्रतिबद्ध है। यह बातें इफको के इकाई प्रमुख संजय कुदेशिया ने खोजापुर गांव में आयोजित किसान चौपाल में कहीं। कॉरडेट प्रधानाचार्य डॉ हरिश्चंद्र ने नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी के प्रयोग की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया की नैनो डीएपी तरल से पांच एमएल प्रति किलो बीज की दर से शोधन करके बोआई करें या रोपाई वाली फसलों का जड़ शोधन पांच एमएल प्रति लीटर पानी के घोल से करें। फसल के 35 से 40 दिन की अवस्था पर नैनो यूरिया प्लस का पर्णीय छिड़काव चार एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर करें। पीआरओ इफको स्वयं प्रकाश ने नैनो उर्वर...