हजारीबाग, अप्रैल 2 -- इचाक प्रतिनिधि आदिवासियों का प्राकृतिक पर्व सरहुल हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आदिवासी समाज के लोगों ने सखुआ वृक्ष की पूजा अर्चना कर मुर्गे की बलि दिया और क्षेत्र में सुख समृद्धि की कामना किया। इस अवसर पर कई अनुयायियों द्वारा मुर्गे की बलि चढ़ाने के बाद हंडिया का तपान चढ़ाया गया। साथ ही सखुआ फूल को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया गया। पूजा के बाद सरना स्थल पर गाजे बाजे के बीच झारखंडी और आदिवासी लोक नृत्य पेश किया गया। जिसमें समाज की महिला पुरुष युवा और कन्या ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।इचाक के लोटवा ,फफूंदी,सलूजाम आदि गांव में प्राकृतिक पर्व सरहुल मनाया गया । इस अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को सरहुल की बधाई देते हुए समृद्धि की कामना किया

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