गुड़गांव, दिसम्बर 20 -- सोहना, संवाददाता। उपमंडल में पिछले चार दिनों से लगातार छाए घने कोहरे ने जनजीवन के साथ-साथ खेती-किसानी को भी अपनी चपेट में ले लिया है। हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड और दृश्यता कम होने से जहां आम लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं, वहीं सरसों की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गई हैं। क्षेत्र के किसानों के लिए रबी सीजन में गेहूं के बाद सरसों ही मुख्य आय का स्रोत है। वर्तमान में सरसों की फसल फूल आने के बाद फली बनने की अवस्था में है। किसानों का मानना है कि यदि कोहरा इसी तरह जारी रहा, तो फसल में चेपा (माहू) कीट लगने की आशंका बढ़ जाती है। यह कीट सरसों की फसल को पूरी तरह बर्बाद करने की क्षमता रखता है। पानी की कमी और सरसों पर निर्भरता सोहना क्षेत्र में गिरते भूजल स्तर के कारण किसान उन फसलों को प्राथमिकता...