नई दिल्ली, मई 26 -- व्यापारियों ने 15 से अधिक मांगें सामने रखते हुए सुझाव भी दिए कि कैसे सरल नीतियों के माध्यम से आमजन को राहत दी जा सकती है और स्थानीय निकायों की आय भी बढ़ाई जा सकती है। व्यापारियों ने कहा कि हाउस टैक्स पर लगने वाला जुर्माना और ब्याज, मूलधन से भी अधिक हो गया है। इससे टैक्स वसूली नहीं हो पा रही है। उन्होंने बिजली विभाग की तर्ज पर एकमुश्त समाधान योजना लाने की मांग की। जिससे ब्याज माफ हो और मूलधन को आसान किश्तों में जमा कराया जाए। व्यापारियों ने आपत्ति जताई कि बकाया हाउस टैक्स की वसूली के नाम पर स्थानीय निकाय किरायेदारों की दुकानों को सील कर रही है। जबकि जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है। उन्होंने मांग की कि किरायेदार के बजाय मकान मालिक पर कार्रवाई हो और अगर आवश्यक हो तो किराया अटैच किया जाए। बोले अलीगढ़ अभियान के तहत व्यापार...
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