धनबाद, फरवरी 15 -- इंट्रो कुम्हार (प्रजापति )जाति का भारत के इतिहास में समाज एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह जाति मुख्य रूप से मिट्टी के बर्तन मूर्तियां और कलात्मक वस्तुएं बनाने का कार्य करती है। कुम्हार जाति का इतिहास धार्मिक और सामाजिक महत्व अत्यंत व्यापक है। शास्त्रों और ऐतिहासिक संदर्भ के आधार पर कुम्हार जाति की उत्पत्ति भूमिका और आधुनिक समाज में अनेक योगदान रहा है। कहा जाता है कि कला का जन्म कुम्हार के घर में ही हुआ है। इन्हें उच्च कोटि का शिल्पकार वर्ग माना जाता है। सभी वस्तुओं का निर्माण कुम्हारों द्वारा ही किया जाता है। पारंपरिक रूप से यह मिट्टी के बर्तन, खिलौना, सजावट के सामान और मूर्ति बनाने की कला से जुड़े रहे हैं। मुख्य खबर, कुम्हार समुदाय जिनकी जीविका मिट्टी के बर्तन, प्याला, सुराही,खपड़ा ,खिलौना, सजावट के सामान और मूर्ति आदि ...