दरभंगा, मार्च 8 -- दरभंगा। शहर के घरों में घरेलू कामकरनेवाली महिलाएं सकरी, सोनकी,थलवारा, अहिला आदि जगहों से आती हैं। वहीं सैकड़ों महिलाएं शहरी क्षेत्र में रहती हैं। बिहार घरेलू कामगार यूनियन की जिलाध्यक्ष प्रतिमा देवी बताती हैं कि सरकार घरेलू कामगार नीति लागू कर देती तो बेहतर स्थिति होती। घरेलू काम करनेवाली महिलाओं को स्वास्थ्य कर्मियों की करह माना जाए। साथ ही सरकारी प्रशिक्षण का भी लाभ मिले। उन्होंने बताया कि एक एनजीओ की मदद से घरेलू कामगार महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिलवाए थे। सिलाई सीखकर कई महिलाओं ने घरेलू काम करना छोड़ दिया और सिलाई कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कोई काम नहीं मिलने के कारण महिलाएं घरेलू कार्य कर जीवन यापन कर रही हैं। इन्हें सही मायने में सरकारी सहायता की जरूरत है। लेबर कार्ड बनने से असंगठित महिलाओं को सरकारी योजनाओं ...