श्रीनगर, फरवरी 21 -- सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोसायटी एंड पॉलीटिक्स कानपुर के तत्वावधान में आयोजित ऑनलाइन परिचर्चा में समान नागरिक संहिता का क्रियान्वयन: आदर्शों और वास्तविकताओं के बीच समन्वय विषय पर विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए। चर्चा में ढाई सौ से अधिक शिक्षाविद, शोधार्थी और छात्र शामिल हुए। परिचर्चा में बतौर मुख्य वक्ता गढ़वाल विवि के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. एमएम सेमवाल ने यूसीसी के ऐतिहासिक, संवैधानिक, सामाजिक और कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने जनता से सुझाव लेकर इस कानून को लागू किया और इसके अंतर्गत विरासत, विवाह व पारिवारिक कानूनों को समानता के आधार पर संहिताबद्ध किया गया है। प्रो. सेमवाल ने लिवइन रिलेशनशिप और जनजातीय समुदायों पर इस कानून के प्रभावों की भी चर्चा की। उन्होंने सैनिकों के लिए ...