नई दिल्ली, नवम्बर 28 -- ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान नहीं। जब तुम्हें कोई समस्या है और तुम सोचते हो कि उसका कोई समाधान नहीं है, तब तुमने उसे स्वीकार कर लिया। तब वह समस्या नहीं रही, बल्कि यथार्थ बन गई। उदाहरण के लिए, तुमको यह समस्या लगती है कि नॉर्वे का समुद्र बहुत ठंडा है। निश्चय ही तुम समुद्र को गर्म नहीं कर सकते। यदि इसका कोई समाधान ही नहीं है, तब तुम इसे स्वीकार कर लेते हो और फिर यह समस्या नहीं रह जाती। तो समस्या सिर्फ तभी तक है, जब तक तुम उसका समाधान ढूंढ़ते हो और इसीलिए कोई समस्या ऐसी नहीं है, जिसका समाधान नहीं। जिस क्षण तुम्हें यह अनुभव हो जाता है कि कोई समाधान नहीं है, वह समस्या समस्या नहीं रह जाती। समाधान हर समस्या की पूंछ है। समाधान तुम्हें तब मिलता है, जब तुम शांत और स्थिर हो, तुम बुद्धि का प्रयोग करते हो, तुम कार्यशील ह...