अलीगढ़, जुलाई 17 -- अलीगढ़। शहर के मुख्य मार्गों से लेकर तंग गलियों तक सैकड़ों स्थानों पर नाले या तो खुले पड़े हैं या फिर अस्थायी, जर्जर ढक्कनों से ढके हैं। इनमें से कई स्थान स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बाज़ारों के पास हैं जहां रोज़ाना हजारों लोग आवाजाही करते हैं। बरसात आते ही यह खतरा और भयावह हो जाता है। सड़क और नाले का फर्क मिट जाता है और रास्ता जानलेवा बन जाता है। खुले नालों से बदबू, मच्छर और संक्रमण तो रोज़ की परेशानी हैं, पर असली खतरा तब सामने आता है जब कोई बच्चा, बुजुर्ग या वाहन उनमें गिरकर घायल या मृत हो जाता है। लापरवाही यह है कि इन जगहों पर कोई चेतावनी, रेलिंग या रोशनी तक नहीं है। नालों की नियमित सफाई नहीं होती और जलभराव होने पर वे और ज्यादा खतरनाक बन जाते हैं।

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