अलीगढ़, नवम्बर 30 -- अलीगढ़। शताब्दी नगर में आयोजित भागवत कथा के पूर्ण विश्राम पर रविवार को प्रसादी की अनोखी मिशाल देखने को मिली। सभी भक्तगण अपने अपने घरों से प्रसाद बनाकर लाए। महिलाओं ने कीर्तन किया। स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने कहा कि समरसता का नाम सनातन है। इसलिए जिस स्थान पर भी हम कथा करते हैं, वहां भंडारा नहीं होता। भक्त अपने अपने घरों से रोटी, पूड़ी, सब्जी आदि लेकर आते हैं। उन्हें एक में मिला दिया जाता है। फिर उसी को सभी भक्तों में बांट दिया जाता है। इससे समरसता का भाव पैदा होता है। कथा में चौधरी ऋषिपाल सिंह, शंकरलाल शर्मा, डॉ. रक्षपाल सिंह, मनोज चौधरी, हरीश बहल, सुरेन्द्र चौधरी, प्रतिभा शर्मा, आशा सिंह, गोपाल सिंह राणा, साधना गुप्ता उपस्थित रहीं।
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