मेरठ, मई 8 -- मेरठ, वरिष्ठ संवाददाता। थैलेसीमिया एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने वाली खून संबंधी बीमारी है। इस बीमारी से शरीर में सामान्य के मुकाबले कम ऑक्सीजन ले जाने वाले प्रोटीन (हीमोग्लोबिन) और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने लगती है। मरीजों के शरीर का विकास धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाता है। बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है। थैलीसीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है, इसलिए इसका समय रहते इलाज हो जाए तो अगली पीढ़ी में इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार थैलेसीमिया से पीड़ित अधिकांश बच्चे कम आय वाले देशों में ज्यादा पैदा होते हैं। इसकी पहचान तीन माह की आयु के बाद ही होती है। सामान्य लाल रक्त कोशिकाओं की आयु 120 दिनों की होती है लेकिन इस बीमारी के कारण कोशिकाओं की आयु घटकर 20 दिन रह जाती है, जिसका सीधा प्रभाव हीमोग्लोबिन...