किशनगंज, मई 12 -- किशनगंज, एक प्रतिनिधि। बीते वर्षों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार हुए सुधार, योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और सामुदायिक स्वास्थ्य जागरूकता ने गर्भावस्था को अधिक सुरक्षित बना दिया है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में कुछ महिलाओं की गर्भावस्था जटिल हो जाती है, जिसे हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (एचआरपी) कहा जाता है। यह ऐसी स्थिति होती है जिसमें मां या बच्चे की सेहत को संभावित खतरा रहता है। सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार, हर 100 गर्भवती महिलाओं में से लगभग 10 को हाई रिस्क प्रेगनेंसी की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसी गर्भावस्था को समय पर पहचानकर आवश्यक चिकित्सकीय निगरानी और उपचार प्रदान किया जाए, तो जच्चा-बच्चा दोनों की जान बचाई जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग एचआरपी प्रबंधन को लेकर सजग और प्रतिबद्ध:...
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