हरिद्वार, मार्च 10 -- हरिद्वार। सालों से उपनगरी में आतिशबाजी करके रोजा रखने और रोजा खोलने का सिग्नल दिया जाता है। लेकिन समय के साथ व्यवस्थाएं बदली है। अब कई स्थानों पर प्रशासन की अनुमति से सायरन लगाएं गए है। सायरन बजा कर भी रोजेदार को सिग्नल दिया जाता है। उपनगरी में सायरन का चलन बढ़ने के बाद आतिशबाजी का चलन कम हो गया है। अब चंद लोग ही रमजान में पटाखों का सिग्नल देते हैं।
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