दरभंगा, फरवरी 8 -- दरभंगा। भारतीय संविधान के मूल में समतामूलक समाज बनाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य विविध प्रकार की स्वतंत्रताओं की गारंटी में निहित है। संविधान के अनुच्छेद 19 में छह प्रकार की बुनियादी स्वतंत्रताएं दी गई हैं। मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान में भारतीय संविधान का दर्शन : स्वतंत्रता और विकास विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उद्घाटनकर्ता सह मुख्य वक्ता प्रसिद्ध दलित आलोचक प्रो. बजरंग बिहारी तिवारी ने उक्त बातें कही। प्रो. तिवारी ने कहा कि स्वतंत्रता एक न्यायपूर्ण समाज में संभव होती है। मनुस्मृति को मानने वाला मानस विषमता का पोषक होता है, जबकि संविधान असमानता के उन्मूलन का उद्देश्य लेकर चलता है। आज जब संविधान की मूल भावना को विकृत करने, नष्ट करने की संगठित कुचेष्टा हो रही है तब हमें स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत और...