अमरोहा, फरवरी 7 -- इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के बेटे इमाम जैनुल आबिदीन के जन्मदिवस पर शहर के मोहल्ला दरबारे कलां स्थित अजाखाना शम्स अली खान में अंजुमन सज्जादिया के संयोजन में महफिल का आयोजन किया गया। जिसमें नामवर शायरों ने अपना कलाम सुनाकर श्रोताओं से खूब वाहवाही लूटी। बुधवार रात सजी महफिल का आगाज नायाब इमाम मौलाना डा.अहसन अख्तर सरोश की तकरीर से पहले मिर्जा कारी अनस ने तिलावत-ए-कुरआन से किया। इसके बाद नाजिम अमरोहवी ने नात शरीफ का नजराना पेश कर समा बांध दिया। शहजादा गुलरेज रामपुरी ने पढ़ा...छोड़कर आशूर की शब एक खैमे का चिराग, सब चिराग उसने जलाए थे हवा के सामने। कौसर कैरानवी यूं नमूदार हुए...उठे थे शाम के जिंदान से भारत में आ पहुंचे, अजादारी के ये बादल कहा गरजे कहा बरसे। सागर बनारसी ने कहा...बस्ती-बस्ती जो अजादारी नजर आती है, इसकी तामीर में मे...
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