नई दिल्ली, अगस्त 3 -- साकेत बडोला,निदेशक, जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान दुनिया में बाघों की लगातार घटती संख्या और निरंतर सिकुड़ते आवास को देखते हुए साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में पहला वैश्विक बाघ सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसमें 13 बाघ रेंज देशों के सर्वोच्च प्रतिनिधियों ने अपने लिए एक महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किया। यह लक्ष्य था- वर्ष 2012 तक विश्व में बाघों की संख्या को दोगुना करना। बढ़ती जनसंख्या के दबाव में यह लक्ष्य असंभव तो नहीं, लेकिन मुश्किल अवश्य जान पड़ रहा था। मगर बाघ संरक्षण की दिशा में किए गए वैश्विक और सामूहिक प्रयासों से अविश्वसनीय-सा लगने वाला यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया। इस उपलब्धि में भारत का खासा योगदान रहा है। हमने तय समय से पहले ही बाघों की संख्या दोगुनी करने में सफलता हासिल कर ली थी। आज आलम यह है कि दुनिया...
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