नई दिल्ली, दिसम्बर 24 -- यामिनी अय्यर,वरिष्ठ विजिटिंग फेलो, ब्राउन यूनिवर्सिटी देश भर में मतदाता सूचियों के चल रहे 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (एसआईआर) से पैदा हुई कई समस्याओं में एक है, बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) पर पड़ने वाला बोझ और तनाव। बीएलओ पर ही प्रपत्र बांटने, मतदाताओं की गणना करने और सूचियों के सत्यापन का दायित्व है। मगर बीते कुछ हफ्तों से तनावग्रस्त और थके हुए बीएलओ के इस्तीफे और कई मामलों में उनकी मृत्यु व आत्महत्या की खबरें लगातार आ रही हैं। इससे इन सरकारी अधिकारियों की स्थिति पर स्वाभाविक ध्यान जाता है। भारत में अग्रिम पंक्ति के ये नौकरशाह या कर्मचारी (बीडीओ, पटवारी, स्कूल शिक्षक, आशा कार्यकर्ता आदि) लाल बत्ती की शानो-शौकत, चकाचौंध और दौलत से बहुत दूर हैं, जबकि इन्हीं अधिकारियों के जरिये ज्यादातर लोग भारतीय राज्य की ताकत व उसकी...