मेरठ, मार्च 26 -- मेरठ। अर्से से भारत की विभिन्न विचारधाराओं को हमारे पाठ्यक्रम और अध्ययन सामग्री में ऐसा दर्शाया गया है भारत की विभिन्न विचारधाराएं परस्पर विरोधी हैं जबकि सत्य इसके एकदम विपरीत है। वैदिक, सनातन, बौद्ध एवं जैन परंपरा सभी मूल भारतीय परंपराएं हैं। इनका मूल सनातन है, निरंतर है चिरंजीव है। झूठ के आधार पर गढ़े गई धारणा और मिथक को तोड़ते हुए सत्य उजागर करने की जरूरत है। सीसीएसयू कैंपस स्थित इतिहास विभाग में बौद्ध धर्म के इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व की खोज विषय पर सेमिनार के उद्घाटन सत्र में यह बात शैक्षिक निदेशक प्रो.संजीव शर्मा ने कही। पुरातत्व विभाग श्रीलंका के पूर्व महानिदेशक प्रो.अनुरा मानतुंगा ने कहा बुद्ध की विचारधारा अखंड भारत के स्वप्न को साकार करने में सहायक सिद्ध हो सकती है। मानतुंगा के अनुसार अखंड भारत के दृष्टिकोण ...