चक्रधरपुर, मार्च 16 -- चक्रधरपुर, संवाददाता । पश्चिमी सिंहभूम जिले के जंगल महल के ईलाकों में सदियों से होली पलाश के फूलों से बनी रंग से खेली जाती है। अब यही परंपरा महिलाओं के रोजगार का साधन बन गया है और महिलाएं प्राकृतिक सामाग्री से गुलाल (रंग) बना कर उसे बेंच कर अच्छा रोजगार कर रही हैं। इससे उनकी अच्छी खासी आमदनी हो रही है। वहीं कृत्रिम गुलाल के साइड इफेक्ट के कारण लोग भी प्राकृतिक सामाग्री से बने गुलाल को लोग काफी पसंद करने लगे है। इससे बाजार में भी इन रंगों की मांग बढ़ने लगी है।महिला समूह की महिलाएं प्राकृतिक सामाग्री से बना रही हैं गुलाल सुदूरवर्ती क्षेत्र गोईलकेरा प्रखंड के रघुनाथपुर गांव में मां तारणी महिला समिति और क्रिस्तान टोली में भूमि महिला समूह की महिलाएं प्राकृतिक सामाग्री से गुलाल बना रही हैं। इन महिलाओं को जेएसएलपीएस संस्था ...