सासाराम, सितम्बर 30 -- परसथुआ, एक संवाददाता। मानव को सदा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। हालांकि सत्य का मार्ग कठिन होता है। इस पर चलने वाले कभी असफल नहीं होते। मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सदा सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। राम का पूरा जीवन सत्य प्रेम व सादगी का प्रतीक रहा है। माता-पिता, भाई, बंधु व भार्या से कैसा व्यवहार व संबंध होना चाहिए, उनके जीवन की गाथा से स्पष्ट होता है। उक्त बातें नुआंव रोड स्थित पूजा पंडाल में मंगलवार को वाराणसी से आए पं. संजय ने कही। कहा कि आप यह नहीं समझें कि पाप कर्म करके आप उसके फल से बच सकते हैं। पाप का फल तो करने वाले को हर हाल में भोगना पड़ता है। कहा दुष्कर्म करके पूजा करने से आपके पाप नहीं मिट सकते हैं। इसलिए हमें यह याद रखना है कि हम कोई गलती न करें। हमें मन को एकाग्र करना चाहिए। क्योंकि चंचल मन तरह तरह...
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