वाराणसी, दिसम्बर 26 -- वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। बच्चों को बचपन में माता-पिता अच्छे संस्कार देते हैं तो वह बड़े होकर उनका भी सम्मान करते हैं। उन्हीं बच्चों को अगर आध्यात्मिक सच्चे सद्गुरु के चरणों में जोड़कर सत्संग में निरंतर लाते हैं तो गुरु उन्हें सच्चा भक्त बना देते हैं। फिर उनका जीवन बदल जाता है। यह बातें केंद्रीय ज्ञान प्रचारक मानिकचंद तिवारी ने गुरुवार को मलदहिया स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित जोन स्तरीय बाल समागम में कहीं। उन्होंने कहा कि हम बच्चों की उम्र ना देखें बल्कि उन्हें आज ही सत्संग से जोड़े जिससे उनके अंदर आध्यात्मिक जागृति आ सके। भक्ति किसी उम्र की मोहताज नहीं है जिसके तमाम उदाहरण संसार में मौजूद हैं। समागम में वाराणसी, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र आदि जिलों के बच्चों ने गीत, विचार, कविताओं, नृत्य और अन्य...