सिद्धार्थ, नवम्बर 20 -- सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। रामचरितमानस में लिखा है कि बिन सत्संग विवेक न होई अर्थात मनुष्य का विवेक सत्संग से बढ़ता है। वो भी ऐसे व्यक्ति के साथ जिसकी वाणी से अपना उद्धार हो। जिसके आचरण से हमें शिक्षा मिले। जिसके संग यह अंतःकरण शुद्ध हो जाए। ये बातें बुधवार रात डुमरियागंज कस्बा के इंदिरा नगर वार्ड में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का प्रवचन करते हुए पंडित छेदीलाल मिश्रा ने कही। उन्होंने कहा कि सत्संग में बैठने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है तथा गलत लोगों के संगत में पड़ने पर बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। इंसान के दो ही सच्चे साथी होते एक तो दुनिया में उसका किया कर्म और दूसरा परमात्मा। अगर हम अच्छे कर्म करते हुए सच्ची श्रद्धा से धर्म के मार्गों पर चलते रहे तो ईश्वर हमारी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करेंगे। इस दौरान पवन सुत लाल श्र...
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