अलीगढ़, दिसम्बर 6 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। शहर का ट्रैफिक जाम अब सिर्फ चिढ़ाने वाला नहीं, बल्कि बीमार करने वाला साबित हो रहा है। देर, धक्कों, हॉर्न और धुएं के बीच फंसे लोग रोज एक अदृश्य मानसिक और शारीरिक तनाव झेलते हैं, जिसकी आहट बीमारी के रूप में घर तक पहुंच रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क पर लगातार बढ़ता जाम मनोस्वास्थ्य से लेकर हृदय और फेफड़ों तक पर गंभीर असर डाल रहा है। सड़कों पर बढ़ता जाम स्वास्थ्य आपदा में बदल रहा है। रोज के जाम ने गाड़ियों को रोकने के साथ-साथ दिमाग, दिल और फेफड़ों की गति भी थाम दी है। ट्रैफिक में फंसे लोग चिढ़, गुस्से और बेचैनी के शिकार हो रहे हैं। मनोचिकित्सकों का कहना है कि घंटों जाम में खड़े रहने से स्ट्रेस सिंड्रोम विकसित होता है, जो आगे चलकर अवसाद में बदल सकता है। लंबे समय तक हॉर्न और शोर के बीच रहने ...