पीलीभीत, सितम्बर 15 -- श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल द्वारा साहूकारा स्थित श्री राधा रमन मंदिर में आयोजित सप्त दिवसीय श्री राम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित बृजेश पाठक ने कहा जो व्यक्ति सामने वाले को दीन हीन समझ कर दान देता है। वह दान नहीं करता है बल्कि सामने वाले के मन में दीनता और अपने मन में अभिमान बढ़ता है। ऐसा व्यक्ति सच्चा दानी नहीं है। सच्चा दानी तो लेने वाले के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता है कि उसने हमारा दान स्वीकार करके हमें दानदाता होने का गौरव प्रदान किया है। अगर सामने वाला लेने से इनकार कर दे तो हम क्या कर सकते हैं। यह तो सामने वाली की उदारता है जो हमारी वस्तु स्वीकार करके हमें दान देने का सौभाग्य प्रदान करता है। रामायण में यही बात प्रभु राम ने विभीषण से कहीं उन्होंने कहा मित्र विभीषण तुम्हें तो लंका की जरूरत नहीं है। पर मेरे...