मधुबनी, जुलाई 21 -- खजौली। सावन का महीना आते ही मिथिलांचल मधुश्रावणी पर्व की गीत संगीत से गंुजयमान हो गई है। लोक पर्व मधुश्रावणी मानाने में नव विवाहिताएं जुटी है। पति की लंबी आयु की कामना के लिए चैदह दिवसीय यह पूजा सिर्फ मिथिला वासियों के बीच हीं होता है । यह पावन पर्व मिथिला की नवविवाहिता बहुत ही धूम-धाम के साथ दुल्हन के रूप में सजधज कर मनाती है। मैथिली संस्कृति के अनुसार शादी प्रथम वर्ष सावन माह में नव विवाहिताएं मधुश्रावणी का व्रत करती हैं। इस वर्ष यह पर्व सावन के कृष्ण पक्ष के पंचमी से शुरू होकर आगामी 27 अगस्त रविवार तक चलेगी। मैथिल समाज की नव विवाहितों के घर मधुश्रावणी का पर्व विधि-विधान से होता है । इस पर्व में मिट्टी की मूर्तियां, विषहरा, शिव-पार्वती बनाया जाता है। मधुश्रावणी जीवन में सिर्फ एक बार शादी के पहले सावन को किया जाता है।...