उन्नाव, अक्टूबर 10 -- बांगरमऊ। नगर के मोहल्ला खत्रियाना स्थित महिला मंडल सत्संग भवन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस श्रीधाम वृंदावन से पधारे भारत भूषण महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा कि संस्कार ही जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है। भागवताचार्य ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा प्रेत योनि से भी मुक्त कर देती है। उन्होंने धुंधकारी के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि धुंधकारी को संस्कार प्राप्त नहीं हुए तो वह बुरे कर्म करने लग गया। जबकि सद् संस्कार प्राप्त होने से गोकर्ण जी पढ़ लिखकर ज्ञानी बन गए। इसीलिए व्यासजी कहते हैं कि संस्कार ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। कथा वाचक ने करवा चौथ व्रत को लेकर भी व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि करवाचौथ का व्रत प्रेम का प्रतीक है। यह व्रत माताओं और विवाहित बहनों को अपने पति के साथ प...