नई दिल्ली, दिसम्बर 1 -- संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है और कयास लगाए जा रहे हैं कि यह सत्र भी विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ़ सकता है। ऐसा होता हुआ दिख भी रहा है। इस बार गतिरोध का मुख्य मुद्दा रहेगा एसआईआर। चुनाव आयोग भले ही चुनाव की शुचिता बनाए रखने के लिए यह प्रक्रिया कर रहा हो, लेकिन विपक्ष को इसके पर तरीके पर ऐतराज है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तो काफी आक्रामक हो गई हैं और चुनाव आयोग को लगातार घेर रही हैं। यह जानते हुए भी कि चुनाव आयोग का कोई प्रतिनिधि संसदीय बहस में शामिल नहीं हो सकता, इस मुद्दे पर संसद की कार्यवाही को ठप करना उचित नहीं जान पड़ता। अगर विपक्ष को इस प्रक्रिया को बंद करवाना ही है, तो उसे अदालत पर विश्वास करना चाहिए। संसद ठप करवाकर आम जनता की मेहनत की कमाई को बर्बाद करना किसी राजनीतिक दल को शोभा नहीं देगा...