नई दिल्ली, जुलाई 18 -- संपर्क तीन प्रकार से होता है- दिमाग से दिमाग का संपर्क वार्तालाप द्वारा होता है, दिल से दिल का संपर्क गायन द्वारा होता है और आत्मा से आत्मा का संपर्क मौन में होता है। जब तुम लोगों से मिलते हो, तो प्रायः दिमाग के स्तर पर संपर्क करते हो। अक्सर जब तुम लोगों के साथ होते हो, तुम बातें करते रहते हो और संपर्क केवल दिमाग के स्तर पर रखते हो। जब तुम प्रकृति के साथ होते हो, तुम गाने लगते हो। प्रकृति के साथ संपर्क तुम दिल से करते हो और जब तुम गुरु के साथ होते हो, तब खाली हो जाते हो। तब संपर्क आत्मा द्वारा होता है- मौन में। जब तुम लोगों से मिलते हो, तब तुम दिमाग के स्तर पर ही रहना चाहते हो। जब तक कि कोई आयोजित कार्यक्रम न हो, शायद ही तुम लोगों के साथ गाते हो। तुम्हारा अहं तुम्हें गाने से रोकता है। जब तुम लोगों के साथ गाते हो, तब...