वाराणसी, सितम्बर 16 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। संतों का संग ही जीवन की सच्ची दिशा है। जैसे फूलों का संग सुगंध देता है। वैसे ही संतों का संग आत्मा को शुद्ध करता है। ये विचार झांसी से आए बालव्यास शशिशेखर के हैं। वह भाईजी जयंती महोत्सव के अंतर्गत दुर्गाकुंड स्थित अंध विद्यालय में हो रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन सोमवार को प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संतों की संगति ही मानव को भटकाव से बचाकर प्रभु से जोड़ती है। श्रीराम कथा अज्ञान और मोह को दूर करती है। इससे मनुष्य में भगवान राम के प्रति दृढ़ प्रेम और भक्ति उत्पन्न होती है। इसके माध्यम से हृदय में प्रकाश आता है। हृदय शुद्ध होता है। जीवन का परम लक्ष्य प्राप्त होता है। भगवान की कथा और संत महात्माओं का संग ही मोक्ष का मार्ग है। श्रीराम कथा से भक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। आरंभ में व्यासपी...