बलिया, मई 18 -- रामगढ़। संत अद्वैतानन्द महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति को बचाना है तो हमें एक साथ मिलकर इस पर कार्य करना ही पड़ेगा। वह शनिवार को रामगढ़ में जनसम्पर्क करते हुए बताया कि 'संघे शक्ति कलियुगे अर्थात कलिकाल में संगठन उत्थान है और विघटन दोनों है। हम अपने धर्म और संस्कृति दोनों से दूर होते चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति बचेगी तभी राष्ट्र बचेगा। संघीय शक्ति से ही अपना देश राष्ट्र गुरु बनेगा। इस दौरान महंथ नित्यानंद व शक्तिदास ने भी सनातन धर्म पर प्रकाश डाला। जनसंपर्क पर निकलने से पहले पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि अयोध्या प्रसाद 'हिन्द ने धर्म प्रचार को निकले अतिथियों का माल्यार्पण कर तथा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। सनातन संस्कृति को बचाने एवं भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए संकुचित एवं जातिवादी सोच को मिटाना होग...