वाराणसी, जुलाई 3 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। नादतनु भगवान शिव का ही एक नाम है। नाद अपने आप में एक संपूर्ण योग है। जो नाद योग में तल्लीन हो जाता है वह संसार की समस्त बाधाओं को पार करने की क्षमता स्वयं में अर्जित कर लेता है। ये बातें पद्मश्री डॉ. राजेश्वर आचार्य ने कहीं। वह बुधवार को सुबह-ए-बनारस आनंद कानन के नवीन संगीत शिक्षण प्रकल्प नाद कानन के प्रथम शिक्षण सत्र के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि थे। डॉ. आचार्य ने कहा कि संगीत सभी के जीवन का अभिन्न अंग है। विशिष्ट अतिथि डॉ. रमेश भाटिया ने सुबह-ए-बनारस के संगीत प्रकल्प की पहल को काशी में अध्ययनरत प्रतिभाओं को तराशने का माध्यम बताया। सुबह-ए-बनारस के संस्थापक सचिव डॉ. रत्नेश वर्मा ने ऑनलाइन माध्यम से शुभकामनाएं दी। प्रकल्प की मुख्य प्रशिक्षक डॉ.शिवानी शुक्ला ने कहा कि नाद कानन एक ऐसा प्रकल्प ह...