वाराणसी, दिसम्बर 4 -- सारनाथ (सारनाथ)। समागम में शामिल होने वाले छात्र छात्राओं ने बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे सारनाथ पहुंचे और पुरावशेषों को देखा। उनकी एवं भगवान बुद्ध के बीच संबंधों की ऐतिहासिकता जानी। पुरातात्विक संग्रहालय में रखे राष्ट्रीय चिह्न को देखकर गौरवान्वित महसूस किया। तमिल छात्र-छात्राएं सबसे पहले पुरातात्विक संग्रहालय में गईं। बुद्धा व हिन्दू गैलरी में रखे प्रतिमाओं को देखा एवं उनके ऐतिहासिकता को जाना। राष्ट्रीय चिह्न चमक देख अभिभूत हुए। इसके बाद सभी पुरातात्विक उत्खनित स्थल परिसर पहुंचे। धमेख स्तूप पर बनी लगभग 26 सौ वर्ष पुरानी कलाकृतियों को देखी और उसके बारे में जाना।

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