वाराणसी, फरवरी 20 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। काशी तमिल संगमम के तहत बीएचयू में बुधवार को आयोजित चौथे अकादमिक सत्र में लघु उद्यमियों और व्यावसायिक पेशेवरों ने उत्तर और दक्षिण के बीच एमएसएमई गठजोड़ पर चर्चा हुई। तमिल सदस्यों ने बीएचयू में स्टार्टअप और उद्योगों से समन्वय स्थापित करने के बारे में जाना। पं. ओंकारनाथ ठाकुर सभागार में मुख्य वक्ता बीएचयू के प्रबंध अध्ययन संस्थान की डॉ. दीपिका कौर ने बताया कि भारत में एमएसएमई क्षेत्र में 5.93 करोड़ पंजीकरण हुए हैं, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और यह देश के कुल निर्यात में 45% का योगदान देता है। प्रो. सुभाष प्रताप सिंह ने अनुसंधान, निर्माण क्षेत्र में नवाचार, विपणन तकनीकों और ग्राहक आवश्यकताओं को पूरा करने की रणनीतियों पर विचार रखे। उन्होंने 'हेल्प अस ग्रीन स्टार्टअप का उदाहरण ...