मुंगेर, दिसम्बर 18 -- संग्रामपुर, एक संवाददाता। नगर पंचायत स्थित डाक बंगला परिसर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन वाराणसी से आए कथावाचक राम अवतार राजगुरु ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, भक्ति, वैराग्य और भगवान नारायण के विभिन्न अवतारों का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण ने सात वर्ष की आयु में गोकुल वासियों को इन्द्र देव के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर सात दिन और सात रात तक धारण कर इंद्रदेव के अभिमान को तोड़ा। उन्होंने बताया कि भगवान पर विश्वास रखने से संकट में सुरक्षा मिलती है। उनकी मधुर वाणी और सरल शैली ने कथा को और रोचक बना दिया। उन्होंने भागवत महापुराण के प्रसंगों को सहज और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया, जिससे भक्तजन भगवान की लीलाओं और शिक्षाओं से प्रेरित हुए। कथा के दौरान उप...