लखनऊ, अगस्त 30 -- लखनऊ, संवाददाता। श्री राधा रानी जी का प्राकट्य उत्सव श्री राधा अष्टमी रविवार (31 अगस्त) को मनायी जाएगी। श्री कृष्ण जन्माष्टमी से ठीक 15 दिन बाद राधाष्टमी मनायी जाती है। ज्योतिषाचार्य एस.एस.नागपाल ने बताया कि भाद्र पद शुक्ल अष्टमी के दिन अभिजीत मुर्हूत में राधा जी का प्राकट्य हुआ था। इस दिन को राधा अष्टमी उत्सव के रूप में मनाया जाता है। 31 अगस्त को पूजा-अर्चना करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11.05 बजे से 1.38 बजे तक है। उन्होंने बताया कि जैसे राधा के बिना श्याम अधूरे हैं, ठीक वैसे ही राधा अष्टमी के व्रत के बिना जन्माष्टमी का व्रत अधूरा है। श्री राधा रानी और कृष्ण जी को फूल, बांसुरी और भोग अर्पित करना चाहिए। राधा रानी के 108 नामों का मंत्र जप करें, आरती करें। राधा जी की कृपा से जीवन में सुख-शांति मिलती है और लाड़ली जी का आशीर्वाद ...