फर्रुखाबाद कन्नौज, अप्रैल 5 -- कायमगंज, संवाददाता आध्यात्मिक संगोष्ठी में वक्ताओं ने श्रीराम को संपूर्ण मानवता का आदर्श बताया। साहित्यकार डॉ. जगदीश व्योम ने कहा कि राम धरती को स्वर्ग बनाने आए थे, वे किसी धर्म या जाति तक सीमित नहीं। प्रो. रामबाबू मिश्र ने उन्हें धर्म का सजीव स्वरूप बताया। प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ल ने कहा कि रामकथा का अनुसरण आचरण से हो। शिक्षक जगदीश दुबे ने उन्हें भारतीय संस्कृति का प्रतीक बताया। गीतकार पवन बाथम ने कहा कि आज के हिंसक समय में राम जैसे नायक की जरूरत है। कवि अनुपम मिश्रा ने कविता के माध्यम से राम की सार्वभौमिकता को रेखांकित किया।

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