बदायूं, अक्टूबर 8 -- आदर्श रामलीला कमेटी दिसौलीगंज के मंच पर केकैई दशरथ संवाद एवं राम वनवास की करुणामयी लीला का मंचन हुआ। इस प्रसंग के भावनात्मक मंचन ने उपस्थित जनसमूह को भक्ति, त्याग और करुणा के रस में डुबो दिया। लीला के हर संवाद ने मानो अयोध्या नगरी की वेदना और मर्यादा का जीवंत चित्र उपस्थित कर दिया। मंचन में महाराज दशरथ बने दीनदयाल भारती ने जब व्याकुल स्वर में कहा राम के बिना अयोध्या सूनी है, हे केकैई मुझसे ऐसा वचन क्यों मंगवाया तो दर्शकगण सिहर उठे। मंच पर ऐसी भावनात्मक ऊर्जा व्याप्त हुई कि कुछ क्षणों के लिए पूरा पंडाल मौन हो गया। दशरथ का दर्द हर हृदय में उतर आया। केकैई की भूमिका निभा रहे राजू ने राजसी दृढ़ता के साथ उत्तर दिया। राम बने रामानंद तिवारी ने शांत, संयमित स्वर में कहा पिताश्री वन जाना मेरे लिए कोई दंड नहीं, यह तो आपके वचनों ...
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