देवरिया, सितम्बर 25 -- बरहज, हिन्दुस्तान संवाद। नगर में चल रही रामलीला के दूसरे दिन भगवान श्रीराम समेत चारों भाइयों का जन्म हुआ। इसके बाद अयोध्या नगरी में मंगल गीत गूंज उठे। लीलास्थल पर चहुंओर बधाई बजी और सोहर गाया गया। लीला प्रेमियों ने जयकारा लगाया, जिसे वातावरण में उत्सव का उल्लास घुल गया। लीला में अयोध्या के राजा दशरथ गुरु वशिष्ठ के पास पहुंचते हैं। उनसे अपने मन की व्यथा कहते हुए बिलख पड़ते हैं। कहते हैं गुरूदेव सबकुछ मिला परंतु पुत्र नहीं है। यह बहुत दुखद लगता है। गुरु वशिष्ठ राजा दशरथ को आश्वासन देते हैं कि पूर्व जन्म में तुम्हारा नाम मनु और कौशल्या का नाम सतरूपा था। तुम लोगों ने तपस्या कर भगवान से अपना पुत्र होने का वर मांगा था। धीरज रखो, तुम्हें चार पुत्र प्राप्त होंगे। गुरु वशिष्ठ ने राजा दशरथ से पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाते हैं जिससे प...