वाराणसी, जुलाई 17 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। श्रीमद्भागवत भक्ति एवं भगवान के प्रेम की कथा है। भागवत की कथा हमें यह ज्ञान देती हैं कि जो भी भगवान की भक्ति करेगा भगवान उसके लिए दौड़े चले आएंगे। अगर जानवर भी उन्हें पुकारे तो वह मिनटभर देरी नहीं करते हैं। ये बातें भगवताचार्य दिव्य नारायणाचार्य ने कहीं। वह अस्सी स्थित द्वारिकाधीश मंदिर में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन बुधवार को प्रवचन कर रहे थे। संत देवरहवा बाबा के मुख्य शिष्य 104 वर्षीय स्वामी रामबालक महाराज के सानिध्य में हो रही कथा में उन्होंने कहा कि जब हाथी के पैर को मगरमच्छ ने पकड़ लिया था तो हाथी ने बहुत कोशिश की लेकिन मगरमच्छ के चंगुल से छूट नहीं पाया। अंत में अपनी सूड़ ऊपर कर भगवान कृष्ण को याद करने लगा। गज की प्रार्थना पर भगवान नंगे पांव आए। अपने सुदर्शन चक्र से मगरमच्छ का वध ...